शुक्रवार, 8 अक्टूबर 2010

पानी पर तेरा चेहरा

पानी पर तेरा चेहरा
ख़्वाबों ने बनाया
कई कई बार ...
रँग हकीकत ही न भरने आई


चलती फिरती मूरत में
ईमान का रँग
थोड़ा ज्यादा होगा ...
वो शहजादा होगा
हसरत कहने आई

पकड़ के आयेगा जब वो
मेरे ख़्वाबों की उँगली
नाक-नक़्शे तस्वीर में
जी उट्ठेंगे ...
महक उट्ठेगा घर अँगना
खुशबू सी आई

रास्ता देख रही है कलम
दम साधे हुए हैं अल्फाज़
वो रुत आई कि आई ...


ये नज्म मेरी बेटी के भावी जीवनसाथी के लिये , जिसका मेरी लेखनी को बड़ी बेसब्री से इन्तज़ार है ...

5 टिप्‍पणियां:

  1. पकड़ के आयेगा जब वो
    मेरे खवाबों की उँगली
    नाक-नक़्शे तस्वीर में
    जी उट्ठेंगे ...
    महक उट्ठेगा घर अँगना
    खुशबू सी आई...

    बहुत सुन्दर भावनाएं हैं...
    अल्लाह बिटिया के जीवन के नए सफ़र में तमाम ख़ुशियों के रंग भर दे (आमीन)

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  2. बहुत बधाईयां और शुभकामनाएं! बहुत अच्छी प्रस्तुति।
    या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता।
    नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
    नवरात्र के पावन अवसर पर आपको और आपके परिवार के सभी सदस्यों को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई!

    फ़ुरसत में …बूट पॉलिश!, करते देखिए, “मनोज” पर, मनोज कुमार को!

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  3. बिटिया के जीवन के नए सफ़र के लिए हार्दिक शुभकामनाएं। बहुत अच्छी प्रस्तुति। राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है!
    या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता।
    नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
    नवरात्र के पावन अवसर पर आपको और आपके परिवार के सभी सदस्यों को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई!

    मरद उपजाए धान ! तो औरत बड़ी लच्छनमान !!, राजभाषा हिन्दी पर कहानी ऐसे बनी

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  4. सुंदर प्रस्तुति....

    नवरात्रि की आप को बहुत बहुत शुभकामनाएँ ।जय माता दी ।

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