बहुत अपने से जो लगते हैं , कुछ ऐसे रिश्तों के लिये ,
सावन के अन्धे को दिखता है हरा ही हरा
जेठ के जले को दुपहरी भी लगे बहाने की तरह
सावन के अन्धे को दिखता है हरा ही हरा
जेठ के जले को दुपहरी भी लगे बहाने की तरह
मिले हैं कुछ ऐसे रिश्ते भी
साथ चलने को मेहरबानी की तरह
है किसको पता , कौन गीतों में उतरेगा
नज्मों में ढलेगा रूहे आसमानी की तरह
नज्मों में ढलेगा रूहे आसमानी की तरह
हम उनकी बात टाल न सकें
ये कमजोरी है या ताकत पहेली की तरह
ये कमजोरी है या ताकत पहेली की तरह
वो मुस्कराने लगते हैं अक्सर
यादों की क्यारी में जुगनुओं की तरह
यादों की क्यारी में जुगनुओं की तरह
वो जो लोग समा जाते हैं धड़कन में
इतने अपने हैं कि जिस्म में जाँ की तरह
इतने अपने हैं कि जिस्म में जाँ की तरह
थोड़े पैबन्द लगे थोड़े सितारे हैं टंके
जिन्दगी के दिलासे , पींगें सावन की तरह
जिन्दगी के दिलासे , पींगें सावन की तरह
तेरी दुनिया का नशा नाकाफी है
ये रिश्ते हैं या नाते सुरुरों की तरह
ये रिश्ते हैं या नाते सुरुरों की तरह