देखो हमको मात मिली
है तो कहानी सबकी एक सी
बात नहीं बे बात मिली
कलम के काँधे पर सर रख कर
थोड़ा सा आराम मिला
सखी भी मिली , चारासाज मिला
दुनिया के पत्थरों से निजात मिली
किसने कहा दामन छोटा है
भर लेता आसमान भी
हर कोई अपनी बाहों में
दिल को न औकात मिली
रेत की तरह फिसले सब
बन्द थी मुट्ठी खाली ही
वक्त हवा न कैद हुए
उम्र की कैसी बिसात मिली
शह देने आया न कोई
दूर तलक आँखों ने देखा
कलम ही लौ को तीखा करती
थोड़ी सी सौगात मिली