किस्मत ने पत्ते खोल दिये
सारे के सारे सच बोल दिये
छन्न से सारे बिखरे अरमाँ
भरमों के हाथ में ढोल दिये
कोई रानी राजा गुलाम दिये
हारे जीते और सलाम किये
शतरंज के हम सब मोहरे हैं
ऊपर वाले ने झोल दिये
कुछ घूँट हलक में अटक गये
कुछ जहर के जैसे काम किये
ज़िन्दा हैं फिर भी दुनिया में
ज़िन्दगी ने ये कैसे जाम दिये
सारे के सारे सच बोल दिये
छन्न से सारे बिखरे अरमाँ
भरमों के हाथ में ढोल दिये
कोई रानी राजा गुलाम दिये
हारे जीते और सलाम किये
शतरंज के हम सब मोहरे हैं
ऊपर वाले ने झोल दिये
कुछ घूँट हलक में अटक गये
कुछ जहर के जैसे काम किये
ज़िन्दा हैं फिर भी दुनिया में
ज़िन्दगी ने ये कैसे जाम दिये