नई ऊर्जा रग-रग में भर देता तब-तब
ये मेरे माथे का गौरव ,ये है मेरी शान
मेरी माटी ,मेरा अस्तित्व , ये ही तो है मेरी पहचान
तीन तरफ है सागर गहरा
और सिरमौर बना हिमालय
कल-कल करतीं नदियाँ कहतीं
प्रेम ,सहिष्णुता , भाईचारा ,मेरी संस्कृति ही मेरी शान
वीर जवानों नमन तुम्हें है
सीमा पर खड़े जो सीना तान
देश की ख़ातिर जान की बाज़ी
लिपट शहीदों से इतराता , अपना तिरँगा ऐसा महान
हर क्षेत्र हो उन्नत , क्या प्रौद्योगिकी , क्या तकनीक
शिक्षा से न हो कोई वंचित
कीर्तिमान बनायें विश्व-पटल पर
सँकल्प से सिद्धि मुमकिन है ,देखे देखे सकल जहान
देश-प्रेम से ओत-प्रोत हो
हर काम करें निष्ठा से
देश का हित ही सर्वोपरि है
रोम-रोम पुलकित हो कर फिर , देश-भक्ति का करे बखान