वो बन सकता था खुदा ,
अपनी कीमत उसने खुद ही , कमतर आँक ली होगी
क्या दिया तुमने जो दिया ,
हक़ उसी का था , चीज अपनी ही माँग ली होगी
तोड़ो न दिल , कौन जाने
किस दुआ में खुदाई उतर आई होगी
कोई एक दिल भी रौशन जो किया
कौन जाने उसकी आँखों में दिवाली उतर आई होगी
गैर नहीं है वो ,
अपना समझा तो दूर तलक हरियाली होगी ....
अपनी कीमत उसने खुद ही , कमतर आँक ली होगी
क्या दिया तुमने जो दिया ,
हक़ उसी का था , चीज अपनी ही माँग ली होगी
तोड़ो न दिल , कौन जाने
किस दुआ में खुदाई उतर आई होगी
कोई एक दिल भी रौशन जो किया
कौन जाने उसकी आँखों में दिवाली उतर आई होगी
गैर नहीं है वो ,
अपना समझा तो दूर तलक हरियाली होगी ....