आजकल मैं तुम्हारे आने की तैयारियों में जी लेती हूँ
तुम्हें ये पसन्द है , तुम्हें वो अच्छा लगता है
इन्हीं ख्यालों में रह-रह के मुस्कुरा लेती हूँ
कहीं ये मेरे जीने का शगल तो नहीं
कुछ भी हो , है हसीन ये बहाना भी बहुत
तुम आओ तो मुमकिन है इतनी फुरसत न मिले
आजकल तुम्हारे चेहरे मुझसे अक्सर बतिया लेते हैं
मेरे फूल खिले हैं कहीं न कहीं
दिल की क्यारी यूँ चहकने लगती है
दर-ओ-दीवार महकने लगते हैं
ज़िन्दगी एक तरन्नुम सी बजने लगती है
वो रौनक जो तुम्हारे साथ आयेगी ,
मेरे ख्यालों की उँगली पकड़े मुझसे लिपटने लगती है
तुम्हें ये पसन्द है , तुम्हें वो अच्छा लगता है
इन्हीं ख्यालों में रह-रह के मुस्कुरा लेती हूँ
कहीं ये मेरे जीने का शगल तो नहीं
कुछ भी हो , है हसीन ये बहाना भी बहुत
तुम आओ तो मुमकिन है इतनी फुरसत न मिले
आजकल तुम्हारे चेहरे मुझसे अक्सर बतिया लेते हैं
मेरे फूल खिले हैं कहीं न कहीं
दिल की क्यारी यूँ चहकने लगती है
दर-ओ-दीवार महकने लगते हैं
ज़िन्दगी एक तरन्नुम सी बजने लगती है
वो रौनक जो तुम्हारे साथ आयेगी ,
मेरे ख्यालों की उँगली पकड़े मुझसे लिपटने लगती है