वो भी डोलती होगी किसी के अँगने में
होगी वो भी किसी की जाँ ,
झूलती होगी ममता के पलने में
प्यार उमड़ता है मुस्करा उठते हैं
अहसास उठते हैं रह-रह के सीने में
सींचता है कोई माली हर फूल को
आबाद रहे हर फूल की दुनिया
गुलशन के कोने-कोने में
बड़ा मुबारक है आज का दिन
सूरज जो चढ़ा खिड़-खिड़ करता
कितने सारे चाँद उगे हैं ,
महफ़िल के अफ़साने में
मेरी दुआओं का असर है शायद
हसीन से सपनों में कोई रँग भरता
तुम छम-छम करती आ जाओ
कैद कर लेंगे तुम्हें सफर सुहाने में
होगी वो भी किसी की जाँ ,
झूलती होगी ममता के पलने में
प्यार उमड़ता है मुस्करा उठते हैं
अहसास उठते हैं रह-रह के सीने में
सींचता है कोई माली हर फूल को
आबाद रहे हर फूल की दुनिया
गुलशन के कोने-कोने में
बड़ा मुबारक है आज का दिन
सूरज जो चढ़ा खिड़-खिड़ करता
कितने सारे चाँद उगे हैं ,
महफ़िल के अफ़साने में
मेरी दुआओं का असर है शायद
हसीन से सपनों में कोई रँग भरता
तुम छम-छम करती आ जाओ
कैद कर लेंगे तुम्हें सफर सुहाने में