जीवन उसका दिया है , सँभालेंगे हम
कुछ भी हो , कैसे भी हो , निभा लेंगे हम
सफर का सजदा करते हुए , लम्हे का मजा उठा लेंगे हम
चेहरा ये मेरा किताब हुआ है
पढ़ ले कोई भी , बेनकाब हुआ है
फिजाँ ही फिजाँ है जो अन्तस में मेरे , खुशबू का बाग़ खिला लेंगे हम
जुगनुओं की तरह जगते बुझते रहे हैं
हौसले हैं ये मेरे , निभा ही लिए हैं
खोल दरवाजे , कोई आया खड़ा है ,
दस्तक है उसकी , दिल में बसा लेंगे हम
शारदा
कुछ भी हो , कैसे भी हो , निभा लेंगे हम
सफर का सजदा करते हुए , लम्हे का मजा उठा लेंगे हम
चेहरा ये मेरा किताब हुआ है
पढ़ ले कोई भी , बेनकाब हुआ है
फिजाँ ही फिजाँ है जो अन्तस में मेरे , खुशबू का बाग़ खिला लेंगे हम
जुगनुओं की तरह जगते बुझते रहे हैं
हौसले हैं ये मेरे , निभा ही लिए हैं
खोल दरवाजे , कोई आया खड़ा है ,
दस्तक है उसकी , दिल में बसा लेंगे हम
शारदा