इक झन्नाटेदार थप्पड़ कुदरत ने
हमें धीरे से मारा है
टूट कर बिखर न जाएँ कहीं , थोड़ा पुचकारा है
ज़िन्दगी की न्यामतें दे कर सभी
चुपके से हाथ खींच लिया
मेहरबानियों के हाथ में दारोमदार सारा है
ज़िन्दगी जुए सी तो नहीं
बिछी हुई है बाजी
अरमानों ने हमें हारा है
दूर आसमान से भरता है कोई रौशनी
ज़मीन के इन तारों में
मनाता है कोई जश्न और सजाता है कोई तन्हाई , बेचारा है
हमें धीरे से मारा है
टूट कर बिखर न जाएँ कहीं , थोड़ा पुचकारा है
ज़िन्दगी की न्यामतें दे कर सभी
चुपके से हाथ खींच लिया
मेहरबानियों के हाथ में दारोमदार सारा है
ज़िन्दगी जुए सी तो नहीं
बिछी हुई है बाजी
अरमानों ने हमें हारा है
दूर आसमान से भरता है कोई रौशनी
ज़मीन के इन तारों में
मनाता है कोई जश्न और सजाता है कोई तन्हाई , बेचारा है