नेता लोगों में आश्चर्यजनक रूप से भावनात्मक जगत व बाहरी जगत का तालमेल होता है ;जन्मजात संगठनात्मक शक्ति को अगर वे शुभ सृजन की दिशा दें ,तो वो कभी आक्रामक हो ही नहीं सकते ।
सोमवार, 20 अक्टूबर 2008
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सूरज उगता है बस तेरे लिए ....... मौके , हिम्मत और उम्मीद लिए ...... ये सौगात है बस तेरे लिए .....
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