मंगलवार, 11 नवंबर 2008

हवाओं का शुक्रिया करना

इन हवाओं का शुक्रिया करना
इन्हीं आंधिओं ने सिखाया ,
सुलगती चिंगारी को जलना

मन की रोशनी कमाल होती है
अंधेरी रातों का चिराग होती है

उधारी आगों से क्या होगा
तपना बाती को आप पड़ता है

जितनी तेज हवा ,जितना तेरा हौसला
उतना ही तेज उजाला होगा

हवाएं तो बस बहाना हैं
तेरी उम्मीद के दीपक को सुलगाना है

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