शनिवार, 30 मार्च 2013

सुर-ताल पे ला

चीज कीमती टूटती है तो दुख होता है 
काँच का सामान खरीदा है तो 
उसकी टूटन भी साथ खरीद के ला 

जरुरी नहीं कि हर चमकती चीज वफ़ा ही हो 
काँच भी हीरा होने का भरम देता है 
तराशने के लिये पहले उसे आँच पे ला 

दिले-नादाँ ये अक्सर होगा 
रातों को उजाला न मय्यसर होगा 
गमें-दौराँ पहले धड़कन को सुर-ताल पे ला 

बुधवार, 20 मार्च 2013

विश्व गौरैय्या दिवस

भोली-भाली प्यारी-प्यारी , नन्ही चिड़िया 
तुझ बिन सूने घर-आँगन और द्वार-अटरिया 
चूँ-चूँ करती आती चिड़िया 
मुहँ में दाना भर उड़ जाती चिड़िया 
तिनका-तिनका जोड़ घोंसला , कारीगर बन जाती चिड़िया 
नन्हें बच्चों की चोंचों में , दाना रख-रख आती चिड़िया 
चिड़िया चिड़ा दुलारा उड़ते सँग-सँग , मन ही मन हर्षाती चिड़िया 
इक दिन उड़ें तो लौटें न घर , बच्चों बिन अकेली रह जाती चिड़िया 
रोज सुबह दस्तक देती है , मन उपवन महकाती चिड़िया 
नन्ही जान है बया-गौरैय्या , फुदक-फुदक कर मन बहलाती चिड़िया 

शुक्रवार, 8 मार्च 2013

जीवन के मन-भावन रँगों में

महिला-दिवस पर ...

नारी होना अभिशाप नहीं 
धरती बनना , ये सबके बस की बात नहीं 

माँ बेटी बहन बहु से रिश्तों से अलंकृत 
सजता उपवन , खुशबू बनना क्या खास नहीं 

सँग-सँग चलती , कभी पीछे-पीछे 
कभी प्रेरणा बन आगे-आगे , क्या तेरे मन की बात नहीं 

नाजुक है फूलों से भी बेशक 
काँटें भी रख लेती सीने में , क्या आदर्शों को मात नहीं 

कभी आड़ बने , कभी छत बन कर 
तेरे हिस्से की धूप सहे , है क्या वो तेरा अपना आप नहीं 

श्रद्धा है वो , विष्वास है वो 
जीवन के मन-भावन रँगों में , है क्या उसका मुखड़ा साथ नहीं 

गौरव भी है , वैभव भी है 
कन्धे से कन्धा मिला चलती , क्या सौभाग्य हमारे साथ नहीं