बुधवार, 9 दिसंबर 2009

कल तो थी उँगली पकड़े


९ दिसम्बर , बेटी का जन्मदिन

तेरी आँखों से देखे सपने
तेरी नजरों से देखी दुनिया
कल तक तो थी पकड़े उँगली
आज सपनों के पँख उधार दिये

बचपन के दिन तो यूँ गुजरे
हँसते रोते , मेरी मुनिया
दस्तक जो दी इस यौवन ने
फूलों की डाल निहाल हुई

सँग तेरे गुजरे गलियों से
आड़ी टेढ़ी है ये दुनिया
किलकारी तेरे बचपन की
जिन्दा है आज भी जहन में
सँग सपनों का सँसार लिये

7 टिप्‍पणियां:

  1. बिटिया को जन्म दिवस की हार्दिक शुभकामना। आपने भी सुन्दर काव्यात्मक तोहफा दिया।

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    www.manoramsuman.blogspot.com

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  2. हमारी ओर से भी प्यारी बिटिया को
    जन्म-दिन की बधाई!

    आपने कविता भी बढ़िया लिखी है!

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  3. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  4. nanhi-si gudiyaa ko
    janam-divas par
    vishesh mubarakbaad .
    kavita meiN shabd motiyoN ki tarah
    jade haiN .

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  5. Aur aapko ek pyari so rachna ke liye badhai ho.........
    waise ham anjan hote huwe bhi ek dusro ko kitani asani se badhai deleten h hai..na.
    Mai bhi chartered accountant student hun...!

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  6. हमारी तरफ़ से बिटिया को जन्म दिवस की हार्दिक शुभकामना। आप ने कविता के रुप मै इतना सुंदर तोहाफ़ा जो दे दिया

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