चीज कीमती टूटती है तो दुख होता है
काँच का सामान खरीदा है तो
उसकी टूटन भी साथ खरीद के ला
जरुरी नहीं कि हर चमकती चीज वफ़ा ही हो
काँच भी हीरा होने का भरम देता है
तराशने के लिये पहले उसे आँच पे ला
दिले-नादाँ ये अक्सर होगा
रातों को उजाला न मय्यसर होगा
गमें-दौराँ पहले धड़कन को सुर-ताल पे ला
काँच का सामान खरीदा है तो
उसकी टूटन भी साथ खरीद के ला
जरुरी नहीं कि हर चमकती चीज वफ़ा ही हो
काँच भी हीरा होने का भरम देता है
तराशने के लिये पहले उसे आँच पे ला
दिले-नादाँ ये अक्सर होगा
रातों को उजाला न मय्यसर होगा
गमें-दौराँ पहले धड़कन को सुर-ताल पे ला
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (31-03-2013) के चर्चा मंच 1200 पर भी होगी. सूचनार्थ
जवाब देंहटाएंबहुत ही उत्कृष्ट प्रस्तुति,आभार.
जवाब देंहटाएंबहुत सार्थक और सुन्दर प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति!!
जवाब देंहटाएंपधारें कैसे खेलूं तुम बिन होली पिया...
कांच का सामन खरीदा है तो टूटन भी उसके साथ खरीदी जाती है यह जिंदगी का दस्तुर है पर लोग भूल जाते हैं। सूक्ष्म अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंdrvtshinde.blogspot.com
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएं