भीतर है सखा ,तेरा सखा
डोल रहा है
तू इसे ठगने में कामयाब रहा है
इसने तुझे टोका ,तूने इसे रोका
टुकड़े टुकड़े तेरा वजूद डोल रहा है
तूने क्या पाया ,तूने क्या खोया
इसने रखा है हिसाब ,तू क्या पानी डाल रहा है !
टुकड़े टुकड़े हो कर भी क्या जीना ,
टुकड़े टुकड़े को जीना ,जीने का ये अंदाज़
तेरा सखा जान रहा है
बहुत बढ़िया.
जवाब देंहटाएंsundar panktiyan.....
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