कमाल शब्दों का है या उसे जीने वाले का
लिखने वाला हर उस पल को जीता है
तब कहीं जाकर कागज़ पर वो उतरता है
इतना मुश्किल नहीं कविता करना
जितना मुश्किल है उसे जीना
वो जो कागज़ पे छपा होता है
लिखने वाले के सीने से गुजरा है
गुबार है धुएँ का
अक्षरों की शक्ल में उतरा है
जीते मरते हैं कई कई बार
हाथ में आ जाती है कलम
तो कई मौतों का पता मिलता है
चिंगारियाँ सी उठती हैं
आग जलती तो तमाशा होता
धुएँ का वजूद पिघलता है
पकड़ तो लेते हैं रँग और नूर की लड़ियों को
खुशी की उम्र थोड़ी है
हर बार ये दगा मिलता है
खुशी की उम्र थोड़ी है
जवाब देंहटाएंहर बार ये दगा मिलता है
आज सफ्हे पे उदासी है.....
खुशी की उम्र थोड़ी है
जवाब देंहटाएंबात तो सही कही आपने ..सुन्दर लगी आपकी यह रचना
बात तो सही कही आपने
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