शनिवार, 23 मई 2009

न रुपया है न वो माया है


रुपया है वो माया है


ही वो तेरी काया है


मुझको लुभाता है जो


वो मेरी ही रूह का साया है


इन हँसीं नजारों से परे


मेरे साथ-साथ चल पाया है


सुख-दुःख के इशारे पर


भटके थे ,तो ये भरमाया है

5 टिप्‍पणियां:

  1. मेरे साथ-साथ चल पाया है
    सुख-दुःख के इशारे पर
    भटके थे ,तो ये भरमाया है
    बहुत प्यारा लिखा है आपने

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  2. रूह का साया

    इस वाक्य ने और इसके सुन्दर प्रयोग ने प्रभावित किया

    वीनस केसरी

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  3. ant ki panktiyaan sabse zyaada behtareen hai...achhi hai rachna

    www.pyasasajal.blogspot.com

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