रे मन
तृष्णा को लगाम दे
हिटलर को मात दे देगी
दूध उफन कर बिखर जायेगा
छीछालेदर कर देगी
परछाईओं के पीछे दौड़ोगे
कुछ भी हाथ न आयेगा
आँखें अभ्यस्त न होंगी तो
सूरज भी नजर न आयेगा
तमाशा बनने से पहले
तमाशबीन बन जाना
चढ़ते सूरज की किरणें
ख़ुद ही तुझे रास्ता देंगीं
सुन्दर विचार !!!
जवाब देंहटाएंसशक्त अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंतृष्णा को लगाम दे
जवाब देंहटाएंहिटलर को मात दे देगी
दूध उफन कर बिखर जायेगा
छीछालेदर कर देगी
परछाईओं के पीछे दौड़ोगे
कुछ भी हाथ न आयेगा
अच्छा लिखा है।