बुधवार, 18 मार्च 2009

किसी चिँगारी को हवा दे


किसी चिँगारी को हवा दे


वो जलना चाहे


तेरे सीने में दफ़न है


वो पलना चाहे


तेरी नींदों में जगी है


तेरे सँग-सँग वो चलना चाहे


कुछ ऐसी फिजाँ दे


तेरी ताकत में वो ढलना चाहे


तेरी मेहनत के दम पर


ही वो खिलना चाहे


मत हैराँ होना


किसी रोशनी में वो रखना चाहे



3 टिप्‍पणियां:

  1. किसी चिँगारी को हवा दे
    वो जलना चाहे
    तेरे सीने में दफ़न है
    वो पलना चाहे
    तेरी नींदों में जगी है
    बहुत बढ़िया क्या बात है आनंद आ गया . बधाई .

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