ख्वाब जिनके हसीन होते हैं
जिंदगी के करीब होते हैं
उंगली पकड़ चलना सिखाते हैं अरमान
हकीकत की जमीन पर ही खड़े होते हैं
रेशमी धागों से जकड़ी बेड़ियों संग
ख्वाब ही के तो पंख लगे होते हैं
बिन ख्वाब के सूनी जिन्दगी
जैसे मरघट पे खड़े होते हैं
रोशनी से नहाये हुए थके कदम भी
पंख उगते ही ,उडे होते हैं
रोशनी है ख्वाब ही के दम पे
सुनहरी आखर की ताब होते हैं
bahut badhiya likha aap ne
जवाब देंहटाएंवाह! बहुत बढ़िया लिखा है.
जवाब देंहटाएंsach kaha kwab aise hi hote hai bahut sundar
जवाब देंहटाएंachchi kavita likhi hai aapney.
जवाब देंहटाएंhttp://www.ashokvichar.blogspot.com
रोशनी से नहाये हुए थके कदम भी
जवाब देंहटाएंपंख उगते ही ,उडे होते हैं
रोशनी है ख्वाब ही के दम पे
सुनहरी आखर की ताब होते हैं
beautiful.....
Ek sundar rachna.
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