मैं कह न पाऊँ अगर ......
मेरी मूक जुबाँ समझ लेना
मेरी दुआओं का असर समझ लेना
तेरे आस-पास मन्डराता हुआ , मेरा प्यार जान लेना
तुम नज़रों में बाँध लेते हो
कुछ यूँ वक़्त थाम लेते हो
अपने बारे में भी कुछ जानते हो !
कहने सुनने से बहुत आगे
नज़रों का सँसार हुआ करता है
दिल की जुबानों को तुम समझ लेना
मैं कह न पाऊँ अगर .........
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जवाब देंहटाएंHindi bookmarking and social networking sites gives more visitors and great traffic to your blog.
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नज़रों का सँसार हुआ करता है
जवाब देंहटाएंदिल की जुबानों को तुम समझ लेना
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति बधाई ।
दिल की जुबानों को तुम समझ लेना...वाह...
जवाब देंहटाएंबेहद खूबसूरत रचना...बधाई शारदा जी .
नीरज