एक किरण आशा की , सपने हजार लाती है
डूबे हों कितने भी , पल में उबार लाती है
१.तिनका-तिनका बिखरे हों , जमीं से उखड़े हों
राहगुजर दिखलाती , एक किरण आशा की
मन्डराते बादलों से पँख उधार लाती है
डूबे हों कितने भी , पल में उबार लाती है
२.बादलों से गुजरे हों ,रँग सब बिखरे हों
खुशबू की तूलिका सी , एक किरण आशा की
सुरमई सपनों के मन्जर उतार लाती है
डूबे हों कितने भी , पल में उबार लाती है
3.तिनकों सा जुड़ती है , हवाओं में घुलती है
सुबह सी सतरंगी ,एक किरण आशा की
दस्तक देते ही सूरज उतार लाती है
डूबे हों कितने भी , पल में उबार लाती है
ek preanatmak rachana ............utsaah wardhan to karati hai .........bahut hi sarthak rachana
जवाब देंहटाएंbehatareen bhaav
जवाब देंहटाएंkhoobsoorat rachanaa
umang ki rachna
जवाब देंहटाएंtarang ki rachna
jeevan k vaastvik rang ki rachnaa
___________ye rachnaa badhaai ki paatra hai
aapka abhinandan !
बहुत प्रेरक छंद हैं..आभार इस प्रस्तुति का.
जवाब देंहटाएंआशा ही तो जीवन है।
जवाब देंहटाएंरक्षाबंधन पर हार्दिक शुभकामनाएँ!
विश्व-भ्रातृत्व विजयी हो!