तेरे उपहार बड़े छोटे हैं
मुझको इंतज़ार है , कुदरत के उपहारों का
तेरे उपहार बड़े फीके हैं
मुझको इंतजार है , किन्हीं दमदारों का
तेरी दुनिया में हेरा-फेरी है
उसकी दुनिया में तो बस देरी है
तेरी दुनिया में सब्र नहीं होता
राज उसके में अन्धेर नहीं होता
वो जो देता है झोलियाँ भर-भर के
पास उसके हर दौलत का अम्बार लगा
नाम अपना भी नहीं लेता
करता मालामाल है , बिन माँगे
उसकी मर्जी हो तो क्या नहीं होता
अदृशय सी इक आँख लिए , वो देखता है
खुदा बनी खुदी का दम देखता है
achchi rachna
जवाब देंहटाएंरचनाकार विधाता है, वो जग का स्रजनहार है।
जवाब देंहटाएंमाटी का, जीवित पुतला, सर्व-श्रेष्ठ उपहार है।।
बहुत सुंदर लिखा है.....
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