आज साँझ जब उतरो चन्दा नील गगन में
सारी खुशियाँ भर लाना अपने दामन में
कितनी आँखें लगी हुईं हैं , राह तुम्हारी देख रही हैं
एक नहीं मैं ही ये माँगूं , हाथ उठे हैं कितने दुआ में
पिया गए परदेस भले हों , उनकी खबर तुम ले आना
महक उठे ये घर-अँगना , करते बातें लम्हे कानों में
चन्दा से चन्दा की बातें , मनुहार है सारी उसी पिया की
सज कर तुमसे मिलने आते , भेद है क्या इस बतियाने में
प्यार सिँगार है , दुनिया में सबसे सस्ता
दिलबर लेकिन सबसे महँगा , चन्दा ज्यों है तारों में
रविवार, 25 दिसंबर 2011
आज साँझ जब
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Sundar rachna
जवाब देंहटाएंप्यारे अहसासों से सज़े शब्द
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