गुरुवार, 8 दिसंबर 2011

गुलाबों सा खिलो

बड़ी बेटी का जन्मदिन , ९ दिसंबर ...
फूलों पे चलो
खुशबू में पलो
दुनिया है तुम्हारी
गुलाबों सा खिलो

आसमाँ तो है कितना बड़ा
उड़ के देखो
रहती दुनिया के
चाँद सितारों से मिलो

हसरतें यूँ भी अक्सर
आतीं मन रँगने
नूर के महलों को
सूरज के ठिकानों सा रंगो

5 टिप्‍पणियां:

आपके सुझावों , भर्त्सना और हौसला अफजाई का स्वागत है