एक कदम तुम दूर थे
इतनी बड़ी खाई न थी
कि फुसफुसाने की आवाज़ भी न आती
बस एक कदम और
और तन्हाई सज सकती थी
जाना मैने भी है
समझा तूने भी है
सदियों सा फासला सह कर
गया वक़्त क्या कभी लौटा है
हाँ ,सज सकता है
बीते लम्हों की निशानी हो कर
इतनी बड़ी खाई न थी
कि फुसफुसाने की आवाज़ भी न आती
बस एक कदम और
और तन्हाई सज सकती थी
जाना मैने भी है
समझा तूने भी है
सदियों सा फासला सह कर
गया वक़्त क्या कभी लौटा है
हाँ ,सज सकता है
बीते लम्हों की निशानी हो कर
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