बुधवार, 26 जून 2019

जुदाई

दिन-दिन कर के बीत गये
पल-लम्हें सब रीत गये
एक ही सिक्के के दो पहलू
मिलन जुदाई रीत भये

जा पहुँची है दुनिया चाँद पे
चलती दुनिया के सब साथी
देख ले मनुवा तू है कहाँ
सीख ले कुछ अन्दाज़ नये

दिल के टुकड़े,सुहानी यादें
पीछे छूटे, हजारों मील
नम आँखें और नम सीने हैं
कसक हमेशा प्रीत भये

आ पहुँची जाने की सुबह भी
दिल को है फिर समझाया
जो छूटा है वो अगली बार
ख्यालों के जुगनू चमकते हैं
उम्मीदों के दिये रौशन हैं किये

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