वक्त देता नहीं मोहलत
कहानी पूरी हो जाती है
फिसल जाती है हाथों से
ज़िन्दगानी अधूरी हो जाती है
ज़िन्दगी, ढीठ हो जाने तलक
या पिघल जाने तलक
इम्तिहान है शायद
फिर न बचता है तू
न ज़िन्दगी ही बच रहती है ,
सूनी हो जाती है
दूर के मकान से
धुआँ-धुआँ सा उठता हो जैसे
कोई नहीं है तेरे लिए
जलना है तो औरों के लिए जल
नमी तेरी ही मिटा डालेगी तुझे
बुझते हुए हौसलों में ,
रवानी की तरह चल
रात भी सुबह सी सुहानी हो जाती है ,
कहानी हो जाती है
वक्त देता नहीं मोहलत
कहानी पूरी हो जाती है
फिसल जाती है हाथों से
ज़िन्दगानी अधूरी हो जाती है
कहानी पूरी हो जाती है
फिसल जाती है हाथों से
ज़िन्दगानी अधूरी हो जाती है
ज़िन्दगी, ढीठ हो जाने तलक
या पिघल जाने तलक
इम्तिहान है शायद
फिर न बचता है तू
न ज़िन्दगी ही बच रहती है ,
सूनी हो जाती है
दूर के मकान से
धुआँ-धुआँ सा उठता हो जैसे
कोई नहीं है तेरे लिए
जलना है तो औरों के लिए जल
नमी तेरी ही मिटा डालेगी तुझे
बुझते हुए हौसलों में ,
रवानी की तरह चल
रात भी सुबह सी सुहानी हो जाती है ,
कहानी हो जाती है
वक्त देता नहीं मोहलत
कहानी पूरी हो जाती है
फिसल जाती है हाथों से
ज़िन्दगानी अधूरी हो जाती है
वक्त देता नहीं मोहलत
जवाब देंहटाएंकहानी पूरी हो जाती है
फिसल जाती है हाथों से
ज़िन्दगानी अधूरी हो जाती है
...वक्त पर किसी का जोर नहीं चलता ....
बहुत बढ़िया प्रस्तुति
प्रभावशाली ,
जवाब देंहटाएंजारी रहें।
शुभकामना !!!
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बहुत ही सुंदर भावाव्यक्ति बधाई ......
जवाब देंहटाएंलाजवाब प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई...
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