अभी तो अहसास है तेरा
चादर की उन सलवटों में
बिस्तर अभी नहीं बदला मैंने
अभी तो अहसास है तेरा
फ्रिज में रखे उस बचे दूध के गिलास में
उसको अभी-अभी है देखा मैंने
चिड़िया मेरी ने उड़ान भरी
दूर , बहुत दूर आकाश में
मैं खुश हूँ बहुत , बहुत
मैं देख लूँगी दुनिया
तेरी आँख से , तेरे साथ साथ में
लम्बी उड़ान भरते ही
दूर हो जाते हैं , घरौंदे से
मस्ती के उस साथ से
क्या करें , मजबूरी है
तेरे उड़ने को आसमान भी जरुरी है
तेरा अहसास , तेरी खुशबू
फ़िज़ाओं में आस पास है
तेरे अहसास के अहसास को
सँजो के रखना चाहा
सुबह उठते ही ये सोचा
न कोई खलल हो
तेरी नीँद में , किसी शोर से
जग कर भी मैं हूँ किस नीँद में
बिस्तर है तेरा खाली
और अहसास ने तुझे पास बुला रक्खा है
काफी अच्छा लगा पढ़ कर...
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना..
आभार
खूबसूरत अलफ़ाज़ में पेश किए गए अहसास...
जवाब देंहटाएंदिल को छू गए.
तेरे अहसास के अहसास को
जवाब देंहटाएंसँजो के रखना चाहा
सुबह उठते ही ये सोचा
न कोई खलल हो
तेरी नीँद में , किसी शोर से
जग कर भी मैं हूँ किस नीँद में
बिस्तर है तेरा खाली
और अहसास ने तुझे पास बुला रक्खा है
Aah! Mujhe apnee bitiyaa kaa jana yaad aa gaya...aankhen bhar aayeen..."Ja ud jaare O paride! Tu need naya bana lere!"