शनिवार, 24 जुलाई 2021

प्रार्थना

 श्री श्री रविशंकर जी कहते हैं  


सूरज उगता है तो प्रार्थना 
पक्षी गाते हैं तो प्रार्थना 
फूल खिलते हैं तो प्रार्थना 

गीत रचते हैं तो प्रार्थना 
मन गुनगुनाता है तो प्रार्थना 
मुस्कराते हैं हम तो प्रार्थना 

प्रेम का सागर हिलोरें लेता है तो प्रार्थना 
मन-मयूर नाचता है तो प्रार्थना 
झूम के अम्बर गाता है तो प्रार्थना 

मोल कर ले प्राणों का ,तू मधुर आत्मा 
फूलों सा खिल ले ,खुशबू है तेरी अर्चना 
प्रार्थना , प्रार्थना , प्रार्थना 

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