नया साल है ,नई सुबह है
आओ हम कुछ मिल-जुल बाँटें
सूरज की आहट पर हम भी
उजली-उजली किरणें छाँटें
छूट गया जो , छोड़ो यारों
आज को अपना सब कुछ मानें
खुश होकर हम ,खुशहाली बाँटें
आज जो हमने बोया है
कल दुगना होकर लौटेगा
विष्वास की ऐसी फसलें काटें
नम सीने में ज़रा उजाला
घर भर को चमका देता है
धूप की मुट्ठी भर-भर बाँटें
हर दिन हो दशहरे जैसा
हर रोज उमँग दीवाली सी
जीवन की ऐसी तरंगें बाँटें
आओ हम कुछ मिल-जुल बाँटें
सूरज की आहट पर हम भी
उजली-उजली किरणें छाँटें
छूट गया जो , छोड़ो यारों
आज को अपना सब कुछ मानें
खुश होकर हम ,खुशहाली बाँटें
आज जो हमने बोया है
कल दुगना होकर लौटेगा
विष्वास की ऐसी फसलें काटें
नम सीने में ज़रा उजाला
घर भर को चमका देता है
धूप की मुट्ठी भर-भर बाँटें
हर दिन हो दशहरे जैसा
हर रोज उमँग दीवाली सी
जीवन की ऐसी तरंगें बाँटें
bahut hi khoobsurat rachna.. badhaai..
जवाब देंहटाएंNav-Varsh ki shubhkamnayein..
Please visit my Tech News Time Website, and share your views..Thank you
बहुत सुन्दर. नव वर्ष की शुभकामनाएँ !!
जवाब देंहटाएंनई पोस्ट : नींद क्यों आती नहीं रात भर
खूबसूरत उमंगें..
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