बेटे ने चार्टर्ड-एकाउनटेंट की फ़ाइनल परीक्षा डिस्टिंक्शन के साथ पास कर ली , मन बाग़-बाग़ हो उठा ....
ये जो चाँद मुस्कराता है ,
आसमान सी ऊँचाइयाँ तुम्हें मिलें
वो कौन सी डगर है ,
खिले हों फूल हर तरफ , अमराइयाँ तुम्हें मिलें
गर धूप हो कहीं तो ,
ममता की छाँव सी , पुरवाइयाँ तुम्हें मिलें
हीरा भी तो पत्थर ही है ,
तराश लो , कोहेनूर सी रश्मियाँ तुम्हें मिलें
ज़िन्दगी खुद ही न्यामत है ,
सफलता है सोने पे सुहागा , हर बार तुम्हें मिले
चलो झूम लें सुरूर में ,
खुमार में , दुनियाँ-जहान की खुशियाँ तुम्हें मिलें
बधाई और ढेरों शुभकामनाये !
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जवाब देंहटाएंवो कौन सी डगर है ,
खिले हों फूल हर तरफ , अमराइयाँ तुम्हें मिलें
Kitni pyari dua hai!
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुती,आभार।
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