वक्त को जब मेहरबान होना होता है
वो कर लेता है अख्तियार शक्ल किसी दोस्त की
वो कर लेता है अख्तियार शक्ल किसी दोस्त की
खिलने लगते हैं फूल , महकने लगतीं है फिज़ाएँ
बदल जाते हैं मायने ज़िन्दगी के
मुहब्बत ही तो वो शय है , जो भरती रँग ज़िन्दगी में
मुहब्बत ही तो वो शय है , जो भरती रँग ज़िन्दगी में
मौत आती भी हो दबे पाँव तो
ये चकमा दे दे , किसी जादू या इबादत सी
ये चकमा दे दे , किसी जादू या इबादत सी
गद्य भी पद्य में बदल जाता है
सुर-ताल मिले न मिले , ज़िन्दगी के साज पर
आना पड़ता है रूह को , घड़ी दो घड़ी के लिए
चाँदनी रात दूर नहीं है , हम सितारों को लाये बैठे हैं
हर सूरत में ढूँढते हैं किसी दोस्त को
शम्मा दिल की जले तो ज़िन्दगी महफ़िल सी रौशन हो जाए
सुर-ताल मिले न मिले , ज़िन्दगी के साज पर
आना पड़ता है रूह को , घड़ी दो घड़ी के लिए
चाँदनी रात दूर नहीं है , हम सितारों को लाये बैठे हैं
हर सूरत में ढूँढते हैं किसी दोस्त को
शम्मा दिल की जले तो ज़िन्दगी महफ़िल सी रौशन हो जाए
चाँदनी रात दूर नहीं है , हम सितारों को लाये बैठे हैं
जवाब देंहटाएंहर सूरत में ढूँढते हैं किसी दोस्त को
शम्मा दिल की जले तो ज़िन्दगी महफ़िल सी रौशन हो जाए
Aapkee mehfil hamesha raushan rahe!
सच कहा है सच्चे दोस्त की शक्ल में खुदा ही आता है ... मित्रता दिवस की शुभकामनायें ...
जवाब देंहटाएंमित्रता दिवस की हार्दिक बधाई
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