कैसे-कैसे लोग मिले
ऐसे वैसे लोग मिले
इक भी मिला न मन का साथी
ऐसे कैसे सँजोग मिले
खेल रहे हैं जज़्बातों से
तभी तो मन के रोग मिले
दुनिया का दस्तूर तो देखो
वफ़ा के बदले जोग मिले
लुभावने चेहरों को लेकर
मतलब से सारे लोग मिले
देख लिया दुनिया को हमने
सच्चे बन कर सोग मिले
सच्चे दिल पर साहिब राजी
बेशक अक्सर नींव हिलाते लोग मिले
ऐसे वैसे लोग मिले
इक भी मिला न मन का साथी
ऐसे कैसे सँजोग मिले
खेल रहे हैं जज़्बातों से
तभी तो मन के रोग मिले
दुनिया का दस्तूर तो देखो
वफ़ा के बदले जोग मिले
लुभावने चेहरों को लेकर
मतलब से सारे लोग मिले
देख लिया दुनिया को हमने
सच्चे बन कर सोग मिले
सच्चे दिल पर साहिब राजी
बेशक अक्सर नींव हिलाते लोग मिले
बहुत सुन्दर और प्रभावी प्रस्तुति...
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