सोमवार, 4 जुलाई 2011

जिन्दगी सी मिठास

जीवन रेत और चीनी का मिश्रण 
बड़ी सफाई से बीनना होगा
रेत के कण फिर भी साथ साथ लिपट आयेंगे
प्रेम के पानी से जुदा करना होगा

काम की बात उठा
भ्रमों में न पड़ना होगा
जिन्दगी खेल नहीं है फिर भी
खेल सा मजा लेना होगा

वक्त के साथ बहते हुए
वक्त से पार पाना होगा
जितना कुछ है मिला
उसे हर हाल सजाना होगा

अनुपयोगी बातेँ हैं रेत सी
बाधाओं को न बुलाना होगा
तरल बन कर रगों में घुलती
जिन्दगी सी मिठास को पाना होगा

6 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत खूबसूरती से लिखा है रेत और चीनी के मिश्रण को ...अच्छी प्रस्तुति

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  2. वक्त के साथ बहते हुए
    वक्त से पार पाना होगा
    जितना कुछ है मिला
    उसे हर हाल सजाना होगा

    एक सार्थक सन्देश देती सुन्दर प्रस्तुति..

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  3. बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना ...

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  4. अनुपयोगी बातेँ हैं रेत सी
    बाधाओं को न बुलाना होगा
    तरल बन कर रगों में घुलती
    जिन्दगी सी मिठास को पाना होगा
    ...सार्थक सन्देश देती सुन्दर प्रस्तुति..

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  5. आपकी सभी पोस्ट खुबसूरत लगी

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  6. जिंदगी पर बहुत अच्छी नज़्म लिखी आपने.

    और बहुत ही philosophical touch भी है .

    आपको बहुत बधाई

    आभार
    विजय
    -----------
    कृपया मेरी नयी कविता " फूल, चाय और बारिश " को पढकर अपनी बहुमूल्य राय दिजियेंगा . लिंक है : http://poemsofvijay.blogspot.com/2011/07/blog-post_22.html

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