खिलौने दे के बहलाये गये हैं
बच्चों की तरह फुसलाये गये हैं
नसीब से तो जँग होती नहीं है
हर ठोकर पे समझाये गये हैं
कोशिशों का ही नाम है चलना
ज़िन्दगी से कदम मिलाये गये हैं
चन्द गुलाबों की खातिर ही
कितना हम काँटों पे चलाये गये हैं
जो मिला वो कभी तोला कभी माशा
झुनझुनों की तरह हर दम बजाये गये हैं