दिल टूटे तो कौन संभाले
पीता क्यूँ है विष के प्याले
इस दुनिया में कौन सखा है
किस उम्मीद के चुग्गे डाले
सहरा में जलता है कोई
किसने देखे पाँव के छाले
धुलते कहाँ राहों के हादसे
सीने में उगे जो जँगल-झाले
छेड़ो कोई ऐसी धुन
पाँव थिरकते मनुवा गा ले
अम्बर से बरसें किरणें
लपक-लपक हम पकड़ें उजाले
जी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (०३-0७-२०२१) को
'सघन तिमिर में' (चर्चा अंक- ४११४) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
छेड़ो कोई ऐसी धुन
जवाब देंहटाएंपाँव थिरकते मनुवा गा ले
अम्बर से बरसें किरणें
लपक-लपक हम पकड़ें उजाले
बहुत सुंदर भाव ।
वाह सुन्दर भाव।
जवाब देंहटाएंसहरा में जलता है कोई
जवाब देंहटाएंकिसने देखे पाँव के छाले
धुलते कहाँ राहों के हादसे
सीने में उगे जो जँगल-झाले
वाह!!
अति उत्तम।
सुन्दर
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