शुक्रवार, 15 मई 2020

अदृश्य कोरोना


तुझे बाहर न देख कर ,
फिजाँ भी है खामोश ,ऐ इन्साँ
आये हैं परिन्दे बस्तिओं के करीब ,
तेरा दिल बहलाने को

पेड़ों ने ली अँगड़ाई है , नव-अंकुर फूले
कोयल भो कूकती है
मौसम तो खिला हुआ है
नजर भर के तूने कभी देखा ही नहीं

पर्वत जँगल अब दूर से ही साफ नजर आने लगे हैं
सुन रहे हैं कि जँगली जानवर अब जँगलों से सटी सड़कों पर अक्सर आने लगे हैं
इनके हिस्से की जमीन तूने कब्जाई हुई है
अपने जीने की चाहत में तुझे इन सबका योगदान दिखा ही नहीं

हर ओर है अदृश्य कोरोना
हर चौराहे ,गली ,मोड़ पर रख दिया हो जैसे कब्रिस्तान
याद रख मौत को हर पल , हर कर्म से पहले
जी ले हर घडी को जी भर के , वक्त है जब तक मेहरबान 

5 टिप्‍पणियां:

  1. आदरणीया/आदरणीय आपके द्वारा 'सृजित' रचना ''लोकतंत्र'' संवाद मंच पर( 'लोकतंत्र संवाद' मंच साहित्यिक पुस्तक-पुरस्कार योजना भाग-३ हेतु नामित की गयी है। )
    'बुधवार' 20 मई २०२० को साप्ताहिक 'बुधवारीय' अंक में लिंक की गई है। आमंत्रण में आपको 'लोकतंत्र' संवाद मंच की ओर से शुभकामनाएं और टिप्पणी दोनों समाहित हैं। अतः आप सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद "एकलव्य"
    https://loktantrasanvad.blogspot.com/2020/05/blog-post_20.html
    https://loktantrasanvad.blogspot.in/


    टीपें : अब "लोकतंत्र" संवाद मंच प्रत्येक 'बुधवार, सप्ताहभर की श्रेष्ठ रचनाओं के साथ आप सभी के समक्ष उपस्थित होगा। रचनाओं के लिंक्स सप्ताहभर मुख्य पृष्ठ पर वाचन हेतु उपलब्ध रहेंगे।

    आवश्यक सूचना : रचनाएं लिंक करने का उद्देश्य रचनाकार की मौलिकता का हनन करना कदापि नहीं हैं बल्कि उसके ब्लॉग तक साहित्य प्रेमियों को निर्बाध पहुँचाना है ताकि उक्त लेखक और उसकी रचनाधर्मिता से पाठक स्वयं परिचित हो सके, यही हमारा प्रयास है। यह कोई व्यवसायिक कार्य नहीं है बल्कि साहित्य के प्रति हमारा समर्पण है। सादर 'एकलव्य'

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  2. पर्वत जँगल अब दूर से ही साफ नजर आने लगे हैं
    सुन रहे हैं कि जँगली जानवर अब जँगलों से सटी सड़कों पर अक्सर आने लगे हैं
    इनके हिस्से की जमीन तूने कब्जाई हुई है
    बहुत सुन्दर
    वाह!!!

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  3. हर ओर है अदृश्य कोरोना
    हर चौराहे ,गली ,मोड़ पर रख दिया हो जैसे कब्रिस्तान
    याद रख मौत को हर पल , हर कर्म से पहले
    जी ले हर घडी को जी भर के , वक्त है जब तक मेहरबान
    आज के दौर की भय्वः सच्चाई को दर्शाती मार्मिक रचना | हार्दिक शुभकामनाएं शारदा जी |

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आपके सुझावों , भर्त्सना और हौसला अफजाई का स्वागत है