जड़ पकड़ने लगी है मीठी नीम
फूलने लगे हैं जिरेनियम
चल उड़ जा रे पँछी
के अब ये देस हुआ बेगाना
आस निरास के दोराहे पर
डाला है क्यूँ डेरा रे
अटका है क्यूँ उसी डाल पर
ये तो जोगी वाला फेरा रे
तू क्या जाने किस किस डाल पे
आगे तेरा बसेरा रे
आँख खोल अब जाग मुसाफिर
आगे नया सबेरा रे
फूलने लगे हैं जिरेनियम
चल उड़ जा रे पँछी
के अब ये देस हुआ बेगाना
आस निरास के दोराहे पर
डाला है क्यूँ डेरा रे
अटका है क्यूँ उसी डाल पर
ये तो जोगी वाला फेरा रे
तू क्या जाने किस किस डाल पे
आगे तेरा बसेरा रे
आँख खोल अब जाग मुसाफिर
आगे नया सबेरा रे
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