शनिवार, 19 अक्टूबर 2013

जन्म-दिन मुबारक हो तुझे

नर्म सा अहसास कोई निकला है 
मेरा दिल बया का घोंसला हो जैसे 
इठलाती हुई , इतराती हुई ,अन्दर-बाहर जाती हुई 
तेरे प्यार का बिछौना है बिछा हुआ 
तेरे क़दमों से फिजाँ महकती हुई 
आज का दिन इतना खुशनुमा सा क्यूँ है 
आज के दिन नन्हीं चिड़िया ने थीं आँखें खोलीं , हमारी दुनिया में 
आज के दिन दादा , पापा ने अपनी बाहों के हिंडोले में तुझे झुलाया था 
बहना ने अपना गाल तेरे गाल से सटाया था 
घोंसले का तिनका-तिनका बज उठता है संगीत से 
मेरी बया तेरे लिए एक खुला आसमान हो हाजिर 
तू ऊँची उड़ान भरे 
खुदा अपना मेहरबान हो तुझ पर 
गा उट्ठे लम्हा-लम्हा 
जन्म-दिन मुबारक हो तुझे , जन्म-दिन मुबारक हो तुझे 

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