सोमवार, 5 अक्टूबर 2020

इन्सान बचाओ , इंसानियत बचाओ


बढ़ती जा रही है कोरोना से त्रस्त लोगों की सँख्या
सुन तो रहे हैं
सुन्न भी होते जा रहे हैं
हवाओं में है कोरोना का ज़हर
ज़ेहन में हैं मेरे जाँ-बाज सिपाही
सेना , डॉक्टर ,सफाई कर्मचारी
लगा कर दाँव पर खुद को ही
निकले हैं किसी अभियान पर
शुक्रिया कर रहा है मेरे देश का कण-कण
अम्बर से बरसा रहे सुमन
हम साक्षी हैं इस क्षण के भी

मेरे देश का इक इक नागरिक लड़ रहा है लम्बी लड़ाई
खतरे में है वजूद
अदृश्य है दुश्मन
बचा रहे इन्सान का नामों-निशाँ

आओ सब एक साथ
भूल कर सारे भेद , बैर-भरम
सिर्फ हौसले की जंग काफी नहीं
जुनूने-जोश की भाषा समझता है दिल
प्रेरणा ही वो शय है जो जीत का सबब बनती है
जीतेंगे हम , मनुष्य की लड़ाई है मनुष्यता के लिए
इन्सान बचाओ , इंसानियत बचाओ
Save humans , Save humanity


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