छोटी बहन जैसी भांजी , सात जुलाई ...जन्म-दिन ...मन जैसा बोल रहा था वैसा ही लिख दिया ...
मेरी बहना ,तू किसी और ही मिट्टी की है
किसी और ही दुनिया की है
ये पूछ तू मेरे दिल से
तेरी आँखों में हैं झिलमिल तारे
तेरी बातोँ से महकता है समाँ
तेरे आने से खिलता है रूहे-चमन
वो बचपन की जमीं , मिट्टी की महक
चल रही है आज भी मेरे साथ
सीने से हूँ लगाये हुए
तेरी आँखों में है इरादों की चमक
तू जो चाहे तो झुठला दे सारी दुनिया
ये आसमाँ भी झुके तेरे आगे उकडूँ हो कर
तेरी राहों में बिछे हों फूल ,न हो नश्तर कोई
ये दुआ पहुँचे तुझ तक , ठण्डी हवा बन कर
दुनिया में चमके तू सितारा बन कर
मेरी आवाज में सुनने के लिए यहाँ क्लिक कर सकते हैं ...
बहुत भावमयी प्रस्तुति...जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रस्तुति की चर्चा कल सोमवार [08.07.2013]
जवाब देंहटाएंचर्चामंच 1300 पर
कृपया पधार कर अनुग्रहित करें
सादर
सरिता भाटिया
जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंbahut bhavpurn aur snehmayi prastuti .
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति बहुत ही अच्छा लिखा आपने .बहुत बधाई आपको .
जवाब देंहटाएं।छोटी बहना को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं ।
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जवाब देंहटाएंवाह बहुत ही सुंदर,जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाये
यहाँ भी पधारे ,
रिश्तों का खोखलापन
http://shoryamalik.blogspot.in/2013/07/blog-post_8.html