सूरज उगता है बस तेरे लिए .......
मौके , हिम्मत और उम्मीद लिए ......
ये सौगात है बस तेरे लिए .....
शनिवार, 10 अक्टूबर 2009
अपना अपना जोग भया
दुख दारु सुख रोग भया दारु दारु उन्माद हुआ दुख न हुआ प्रमाद हुआ गीतों में ढल कर शाद हुआ किर्चों से मिल कर नाद हुआ खुशबू में बँट आबाद हुआ दुख दारु सुख रोग भया अपना अपना जोग भया
BAHUT HI SUNDAR RACHANA...
जवाब देंहटाएंदुख दारु सुख रोग भया
जवाब देंहटाएंअपना अपना जोग भया
वाह क्या बात है बहुत सुंदर.
धन्यवाद