tag:blogger.com,1999:blog-4055139178405687686.post8663498282682562581..comments2024-01-28T22:33:17.415-08:00Comments on सफर के सजदे में: इतनी सी नमीशारदा अरोराhttp://www.blogger.com/profile/06240128734388267371noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-4055139178405687686.post-56587219209934107982010-05-12T22:28:50.154-07:002010-05-12T22:28:50.154-07:00आँधी-तूफ़ान को सहने में...
बेलों के वजूद ही काम आये...आँधी-तूफ़ान को सहने में...<br />बेलों के वजूद ही काम आये हैं.<br />वाह....बहुत सुन्दर.शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद''https://www.blogger.com/profile/09169582610976061788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4055139178405687686.post-58467954355453820692010-05-12T08:29:29.454-07:002010-05-12T08:29:29.454-07:00अति सुंदर रचना के लिये धन्यवादअति सुंदर रचना के लिये धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4055139178405687686.post-67110226138512925232010-05-11T23:43:38.698-07:002010-05-11T23:43:38.698-07:00कागद काले हैं किये
या धड़कन को पिरोया साँसों में
न...कागद काले हैं किये<br />या धड़कन को पिरोया साँसों में<br />नजर-नजर का फेर है<br />बिलकुल सच...ये नज़र नज़र का फेर ही है....ख़ूबसूरत रचनाrashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4055139178405687686.post-2107295614920231232010-05-11T23:38:37.472-07:002010-05-11T23:38:37.472-07:00पहली बार आया आपके ब्लॉग पर ...बहुत सुन्दर और अच्छ...पहली बार आया आपके ब्लॉग पर ...बहुत सुन्दर और अच्छे शब्दों से सजी और गहरी रचना पढने को मिली कुछ प्रभावशाली पंक्तिया ये है <br /><br />सँवर के आदमी इन्सान बने<br />आँधी-तूफ़ान को सहने में ,<br />बेलों के वजूद ही काम आये हैं<br />सहराँ में फूल खिलाने को ,<br />इतनी सी नमी से भी , आराम आये<br /><br />http://athaah.blogspot.com/Rahttps://www.blogger.com/profile/08726389437723424230noreply@blogger.com