tag:blogger.com,1999:blog-4055139178405687686.post5980503473385722055..comments2024-01-28T22:33:17.415-08:00Comments on सफर के सजदे में: ये ज़िरह को तोलताशारदा अरोराhttp://www.blogger.com/profile/06240128734388267371noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-4055139178405687686.post-47235320236477927002010-03-18T11:09:29.169-07:002010-03-18T11:09:29.169-07:00अभाव भी है बोलता
दिलों के भेद खोलता
तड़प कसक के सा...अभाव भी है बोलता<br />दिलों के भेद खोलता<br />तड़प कसक के साथ ही<br />आँखों में है डोलता<br /><br />बहुत सुंदरइस्मत ज़ैदीhttps://www.blogger.com/profile/09223313612717175832noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4055139178405687686.post-38639211612155056082010-03-08T01:44:20.802-08:002010-03-08T01:44:20.802-08:00शोर भी इसी का है
है बाँध सारे तोड़ता
सात पर्दों मे...शोर भी इसी का है<br />है बाँध सारे तोड़ता<br />सात पर्दों में रखा हुआ<br />अस्तित्व को झकझोरता....<br /><br />बेहतरीन पंक्तियां....सुन्दर रचनाशाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद''https://www.blogger.com/profile/09169582610976061788noreply@blogger.com