शुक्रवार, 14 सितंबर 2012

हिन्दी है पहचान

आज हिन्दी  दिवस पर एक कविता ....

हिन्दी  रस की खान है 
हिन्दी है पहचान 
हिन्दी डाले वाणी में 
अपने पन की जान  

अपना काव्य ,अपना साहित्य 
करते  समृद्ध अपनी सँस्कृति को 
जन जन की आवाज में देखो 
हिन्दी डाले शान 

चार कोस पे बदले भाषा 
विविध रँगों में हिन्दी देखो 
एक सूत्र में बाँधे सबको 
मेरे देश की भाषा महान 

कल थी हिन्दी , आज है हिन्दी , होगी हिन्दी
साज है हिन्दी , आवाज है हिन्दी , हिन्दी हिन्दी
माँ की लोरी , पिता का साया 
हिन्दी का अम्बर तू तान 

हिन्दी रस की खान है
हिन्दी है पहचान
हिन्दी डाले वाणी में
अपने पन की जान  


 

5 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुंदर रचना ... हिन्दी हम भारतीयों की पहचान ...

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  2. बहुत सुंदर रचना... हिन्दी ही हमारी आन,बान और शान है। क्यूंकि "हिन्दी हैं हम वतन है हिन्दोस्तान हमारा, सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तान हमारा...
    जय हिन्द

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  3. बेहद सुन्दर रचना, हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

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  4. हिंदी क्यों ख़तरे में है
    किसी हिंदी दिवस पर
    होगी इसी पर चर्चा!

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